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RGPV Diploma: Linux Unit 6

UNIT 6

Q1. Client एवम्‌ server कि अवधारणा को समझाइये ?
OR
Client /server मॉडल से आपका क्या अभिप्राय है?

क्लाइंट्स तथा सर्वर, विभिन्न मशीन या एक ही मशीन पर दो लॉजिकल एंटिटी होती है | क्लाइंट प्रोग्राम,सर्वर के पास रिक्वेस्ट सेंड करता है तथा सर्वर प्रोग्राम, क्लाइंट की रिक्वेस्ट का रिस्पांस देता है| क्लाइंट सर्वर मॉडल में क्लाइंट्स, ओपरेसन्स के द्वारा इंटरफ़ेस करते है जिन्हें सर्वर्स के द्वारा कम्पलीट किया जाता है | यूजर, सॉफ्टवेर के माध्यम से क्लाइंट के साथ कार्य करता है जिसे फ्रंट एंड कहते है | क्लाइंट निश्चित सर्विसेज के लिए उपलब्ध कराता है| क्लाइंट/सर्वर मॉडल में सर्वर. बेक एंड फंक्शन, जैसे– क्रिएशन, मैनेजमेंट तथा डेटाबेस के मैनीपुलेशन आदि को परफॉर्म करता है| क्लाइंट, सर्वर के लिए फाइल स्टोरेज, प्रिंटिंग तथा प्रोसेसिंग पॉवर प्रदान करता है| क्लाइंट/सर्वर मॉडल को निचे चित्र में दिखाया गया है|




Q2. Linux मे DHCP नेटवर्क सर्विस को समझाइये ?
OR
DHCP सर्विस कि चर्चा किजिए?
OR
DHCP पर संक्षिप्त टिप्पणी किजिये ?

Ans. DHCP के द्वारा होस्ट नेम और IP एड्रेस को ऑटोमेटिकली ऐड किया जा सकता है| इसके द्वारा एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक पंहुचा जा सकता है| DHCP के लिए /etc/host फाइल या DNS सर्वर में कंप्यूटर नेम्स और IP एड्रेस को ऐड करते है| यदि LAN कनेक्शन को इंस्टालेशन के समय कॉन्फ़िगर नहीं किया गया है तो इसे नेटवर्क कॉन्फ़िगर विंडो या neat कमांड की सहायता से कॉन्फ़िगर कर सकते है| किसी ईथरनेट इंटरफ़ेस को IP एड्रेस और host नेम प्रदान किये जाते है| इसके अलावा DHCP सर्वर द्वारा बूट टाइम से ईथरनेट इंटरफ़ेस को डायनेमिक्ली प्रदान कर सकते है| इस प्रकार DHCP का प्रयोग डायनेमिक्ली host नेम और IP एड्रेस को ऐड करने के लिए किया जाता है|